नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आज आप लोगों को ताजमहल के बारे में कुछ बता पाएंगे। अपेक्षा है कि आप को यह पसंद आऐगा। अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने जब पहली बार ताज महल देखा था तब उन्होंने कहा था दुनिया में दो तरह के लोग है एक बो जिन्होंने ताज महल देखा है और दूसरे बो जिन्होंने ताजमहल नहीं देखा है होगी दुनिया में एक से बढ़कर एक खूबसूरत इमारतें लेकिन ताज जैसी कोई नहीं क्युकी िश्मे एक राजा ने अपना दिल रेखा है आज में आपको ताज के बारे में कुछ बताने बाला है जो कभी इंट्रेस्टिंग है
1- आप लोग शायद नहीं जानते जो आप लोग देख रहे है बो ताजमहल के पीछे का हिसा है. ताजमहल जब बनाया गया तब बाहा आने के लिए यमुना नदी का उपयोग किया जाता था आज ज्यादा तर लोग उसको बेसे नहीं देख पाते जैसे शाहजहाँ चाहते थे शाहजहां और उनके मेहमान नाब में बैठ कर आते थे बहा पर एक चबूतरा होता था लेकिन नदी बढ़ती गयी और बो खत्म हो गया
2. कहा जाता रहा है शाहजहां ने सब मजदूरो के हाट कटवा दिए थे पर ये बात एक अफबाह जैसी लगती है क्यूंकि इस बात का कोई पमार नहीं है भौत से इतिहासकार मानते है मजदूरो को जिन्दगी बर की पगार दे कर उनसे इक़रार कराया था बो कोई और दूसरी ऐसी इमारत नहीं बनाएंगे
3. ताजमहल की चारों मीनारें सिद्दी नहीं है बल्कि ये थोड़ी से बहार की तरफ झुकी हुई है ताकि कभी भूकंप आये तो बहार की साइड गिरे और गुम्बद को कोई नुकसान न हो
4.क़ुतुब मीनार सबसे ऊंची मीनार है जबकि ऐसा नहीं है ताजमहल क़ुतुब मीनार से भी ऊंचा है ताजमहल 73 मिटेर है जबकि क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मिटेर है
5.दुनिया में जितनी भी ऐतिहासिक इमारत है उसमे सबसे सुंदर सुलेख ताज पर है जब भी आप अन्दर जाते हो तब उसके बड़े दरवाज़े पर ये लिखा होता है ये सुलेख आपका स्वागत करता है हे आत्मा तू इश्बर के पास आराम कर तू इश्बर के पास शांति से रह और उसकी परम शांति तुम पर बरसे ये सुलेख को डिज़ाइन करने वाले का नाम अब्दुल हक़ था जिसको ईरान से बुलाया गया था शाहजहाँ ने उसकी कला को देखते हुए अमानता खान नाम दिया उपादि के तोर पर
6.जिस वक़्त शाहजहाँ राजा बने बो मुग़ल साम्राज्य का सबसे सुनहरा वक़्त था या ये कहे शाहजहाँ का जमाना मुग़ल हुकुमत का बसंत जैसा था चारो तरफ अमन और ख़ुशीहाली थी प्रजा के लिए राजा का हुक़्क़ुम ही सब कुछ था शाहजहाँ के टाइम पर लड़ाई नहीं होती थी बो बस शान और शौकत का टाइम था राजा को बड़ी बड़ी इमारत बनाने का सोक्के था उन्होंने मुगल वास्तुकला के सात भारत के प्राचीन इतहास को मिला दिया था.
7. ऐसे ब्बाय इमारत दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी इसके लिए सफ़ेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया था क्रिस्टल चीन से मगाया था इसके और भी कही तरह के पत्थर लगे है जो अलग अलग जगह से मगाया था जिसे श्री लंका,अरब,पंजाब कुल मिलाकर 18 बेशकीमती रत्नों को सफ़ेद संगमरमर में मढ़ा गया था इन सब चीज़ों को आगरा लाने के लिए 1000 से ज्यादा हाथी का इश्तेमाल किया गया था
8. ताजमहल आज से 400 साल पहले 1631 में बनना शुरू हुआ था और 1653 में बनकर पूरा हुआ ेशमे 20000 कारीगरो ने काम किया था वास्तुकला का इससे अच्छा नमूना कोई और नहीं ताजमहल के बनने के लिए हर चीज़ों को हीरे की तरह तराशा गया था ताजमहल की दीवारों पर जो नकाशी है बो इटली के मजदूरो से सीखी गयी थी ईरान से कलिग्रफी करने वाले मजदुर आये थे तो पत्तर को तराशने के लिए बाल्टिस्तान के कारीगरों को भुलाया गया था
9. 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजो ने ताज को कभी नुकसान पूछया इन्होने तब महल की दीवारों से सारे रत्न निकाल लिए थे
10. ताजमहल के मुक्खा गुम्बद का जो कलस है बो सोने का था 19 भी शताब्दी के टाइम पर सोने के कलश को हटा कर कासे का कलस लगा दिया था
1- आप लोग शायद नहीं जानते जो आप लोग देख रहे है बो ताजमहल के पीछे का हिसा है. ताजमहल जब बनाया गया तब बाहा आने के लिए यमुना नदी का उपयोग किया जाता था आज ज्यादा तर लोग उसको बेसे नहीं देख पाते जैसे शाहजहाँ चाहते थे शाहजहां और उनके मेहमान नाब में बैठ कर आते थे बहा पर एक चबूतरा होता था लेकिन नदी बढ़ती गयी और बो खत्म हो गया
2. कहा जाता रहा है शाहजहां ने सब मजदूरो के हाट कटवा दिए थे पर ये बात एक अफबाह जैसी लगती है क्यूंकि इस बात का कोई पमार नहीं है भौत से इतिहासकार मानते है मजदूरो को जिन्दगी बर की पगार दे कर उनसे इक़रार कराया था बो कोई और दूसरी ऐसी इमारत नहीं बनाएंगे
3. ताजमहल की चारों मीनारें सिद्दी नहीं है बल्कि ये थोड़ी से बहार की तरफ झुकी हुई है ताकि कभी भूकंप आये तो बहार की साइड गिरे और गुम्बद को कोई नुकसान न हो
4.क़ुतुब मीनार सबसे ऊंची मीनार है जबकि ऐसा नहीं है ताजमहल क़ुतुब मीनार से भी ऊंचा है ताजमहल 73 मिटेर है जबकि क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मिटेर है
5.दुनिया में जितनी भी ऐतिहासिक इमारत है उसमे सबसे सुंदर सुलेख ताज पर है जब भी आप अन्दर जाते हो तब उसके बड़े दरवाज़े पर ये लिखा होता है ये सुलेख आपका स्वागत करता है हे आत्मा तू इश्बर के पास आराम कर तू इश्बर के पास शांति से रह और उसकी परम शांति तुम पर बरसे ये सुलेख को डिज़ाइन करने वाले का नाम अब्दुल हक़ था जिसको ईरान से बुलाया गया था शाहजहाँ ने उसकी कला को देखते हुए अमानता खान नाम दिया उपादि के तोर पर
6.जिस वक़्त शाहजहाँ राजा बने बो मुग़ल साम्राज्य का सबसे सुनहरा वक़्त था या ये कहे शाहजहाँ का जमाना मुग़ल हुकुमत का बसंत जैसा था चारो तरफ अमन और ख़ुशीहाली थी प्रजा के लिए राजा का हुक़्क़ुम ही सब कुछ था शाहजहाँ के टाइम पर लड़ाई नहीं होती थी बो बस शान और शौकत का टाइम था राजा को बड़ी बड़ी इमारत बनाने का सोक्के था उन्होंने मुगल वास्तुकला के सात भारत के प्राचीन इतहास को मिला दिया था.
7. ऐसे ब्बाय इमारत दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी इसके लिए सफ़ेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाया था क्रिस्टल चीन से मगाया था इसके और भी कही तरह के पत्थर लगे है जो अलग अलग जगह से मगाया था जिसे श्री लंका,अरब,पंजाब कुल मिलाकर 18 बेशकीमती रत्नों को सफ़ेद संगमरमर में मढ़ा गया था इन सब चीज़ों को आगरा लाने के लिए 1000 से ज्यादा हाथी का इश्तेमाल किया गया था
8. ताजमहल आज से 400 साल पहले 1631 में बनना शुरू हुआ था और 1653 में बनकर पूरा हुआ ेशमे 20000 कारीगरो ने काम किया था वास्तुकला का इससे अच्छा नमूना कोई और नहीं ताजमहल के बनने के लिए हर चीज़ों को हीरे की तरह तराशा गया था ताजमहल की दीवारों पर जो नकाशी है बो इटली के मजदूरो से सीखी गयी थी ईरान से कलिग्रफी करने वाले मजदुर आये थे तो पत्तर को तराशने के लिए बाल्टिस्तान के कारीगरों को भुलाया गया था
9. 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजो ने ताज को कभी नुकसान पूछया इन्होने तब महल की दीवारों से सारे रत्न निकाल लिए थे
10. ताजमहल के मुक्खा गुम्बद का जो कलस है बो सोने का था 19 भी शताब्दी के टाइम पर सोने के कलश को हटा कर कासे का कलस लगा दिया था
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