जो आज है वो कल नहीं होगा - जीवन परिवर्तनशील है
एक बार एक संत चारधाम की यात्रा पर निकले तब वाहन नहीं होते थे। लोग पैदल ही जाते थे। अंधेरा हुआ और रात हो गयी तब वो संत एक गांव में एक हरिदास नाम के आदमी के यहाँ रुके। हरिदास ने उन संत की खूब सेवा की और यात्रा में काम आने वाली बहुत सी चीज़े दे कर उनको विदा किया। संत ने हरिदास को आशीर्वाद दिया भगवान करे तुम दिन पर दिन तरक्की करो। तब हरिदास जोर से हसा और बोला जो है वो भी तो रहने वाला नहीं है ये सुन कर वो संत वहा से चले गए। काफी महीनों के बाद यात्रा से आते समय वो संत उसी गाँव से गुज़रे और हरिदास से मिले उसके घर गए तब हरिदास का सारा वैभव खत्म हो चुका था और वो गांव के मुखिया के यहाँ नौकरी कर रहे थे। वो संत उसे मिलने पहुचे। अभाव में भी हरिदास ने उन संत की खूब सेवा की। खुद ज़मीन पर सो कर संत को सोने के लिए चारपाई दी खुद भूखा रह कर संत को खाने के लिए दिया। संत की आँखो में आशु आ गए और बोले हे भगवान ये आपने क्या किया हरिदास फिर से हसा और संत से बोला बाबा आप क्यों दुखी है महापुरुषों ने कहा है भगवान इंसान को जिस हालत में रखे भगवान को दनयबाद दे कर खुश रहना चाहिए समय बदलता रहता है आप दुखी न हो ये समय भी सदा नहीं नहीं रहेगा संत से सोचा में तो केवल वेष से संत हो सच्चा संत तो ये है चार साल बाद उन संत का उस गाँव से जाना हुआ तो वो ये देख कर हैरान हो गए की हरिदास तो ज़मीदारो का ज़मीदार बन गया है पता क्ला की हरिदास जिन मुखिया के यह काम करता था उनकी कोई संतान नहीं थी मरते वक़्त अपनी सारी जायदाद हरिदास के नाम कर गए थे संत ये जान कर बहुत खुश हुए और उन्होंने हरिदास से कहा अच्छा हुआ बो समय गुज़र गया भगवान करे अब तुम ऐसे ही बने रहो। ये सुन कर हरिदास फिर हसा और संत से बोला बाबा आपकी नादानियाँ यु ही बनी हुए है संत ने इस बार पूछा क्या ये भी नहीं रहने वाला है तो हरिदास ने कहा या तो ये चला जाएगा या फिर इसको माने वाला चला जाएगा कुछ भी तो यहाँ रहने वाला नहीं। ये सुन कर वो संत बहा से चले गए और फिर कभी सालो के बाद बो संत उसी गाँव से गुज़रे तो वो देखते है हरिदास का महल तो है लेकिन बहा पर सनाटा है और हरिदास की बूढ़ी पत्नी कोने में बैठी हुई है और हरिदास दुनिया छोड़ कर जा चूका है।
ये देख कर संत ने सोचा अरे इंसान तू किस बात पर गुरुर करता है क्यों इतना इतराता है यहाँ कुछ भी तो टिकने वाला नहीं है दुख या सुख सदा कुछ भी तो रहने वाला नहीं है सच्चा इंसान तो वो है जो हर एक पल में खुश रहता है। सच ही तो कहा है किसी ने ज़िंदगी दो दिन की है एक दिन आपके हक़ में और एक दिन आपके खिलाफ जिस दिन आपके हक़ में हो गुरुर मत करना और जिस दिन आपके खिलाफ हो तो थोड़ा सबर रखना।
जय राधे कृष्ण
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